AI Generated Video Detection Tips: दोस्तों, आज के समय में सोशल मीडिया पर जो कुछ भी दिखता है, उस पर भरोसा करना मुश्किल हो गया है। AI टूल्स जैसे OpenAI का Sora 2 या Google का Nano Banana से फेक वीडियो इतने सच्चे लगते हैं कि धोखा हो जाता है। लेकिन चिंता मत करो, हम बताएंगे 6 सरल तरीके, जिनसे तुम फर्क समझ सकते हो। क्या तुम भी हर वीडियो पर शक करने लगे हो?
AI Generated Video Detection Tips
AI Generated Video Detection के 6 सरल तरीके, जिनसे तुम फर्क समझ सकते हो –
ग्लिच और छोटी गड़बड़ियां
AI वीडियो में सब कुछ परफेक्ट लगता है, लेकिन गौर से देखो तो गड़बड़ी पकड़ में आ जाती है। जैसे, चेहरे की परछाई गलत गिरना या हाथ-पैर का हिलना अस्वाभाविक होना। ये छोटे ग्लिच बताते हैं कि वीडियो AI ने बनाया है। क्या तुमने कभी ऐसा नोटिस किया?
क्वालिटी का फर्क
अब हर फोन अच्छी क्वालिटी का वीडियो बना लेता है, लेकिन AI वाले अक्सर धुंधले या पिक्सेलेटेड होते हैं। अगर वीडियो अस्पष्ट लगे, तो संदेह करो। असली वीडियो साफ और नेचुरल होते हैं। क्या ये तरीका तुम्हें मदद करेगा?
बारीकियां जो परफेक्ट लगें
अगर वीडियो में सब कुछ बहुत ज्यादा साफ-सुथरा लगे, जैसे त्वचा बेदाग या लाइटिंग फिल्म जैसी, तो ये AI का संकेत हो सकता है। असली वीडियो में छोटी-छोटी खामियां होती हैं। क्या तुम्हें लगता है कि परफेक्शन झूठ की निशानी है?
धीमी क्लिप्स का राज
AI वीडियो में कुछ हिस्से तेज चलते हैं, तो कुछ बहुत धीमे। कैमरा मूवमेंट भी सुस्त लगता है। अगर वीडियो में स्पीड का फर्क दिखे, तो समझ लो कि ये फेक हो सकता है। क्या ये पैटर्न तुमने देखा है?
आवाज का राज
वीडियो में बोलते समय होंठ शब्दों से मैच न करें, तो ये AI का निशान है। बैकग्राउंड साउंड अस्वाभाविक या गायब हो सकता है। लिप-सिंक चेक करो, और सच्चाई पकड़ लो। क्या आवाज तुम्हें सबसे ज्यादा संदेह पैदा करती है?
असंभव चीजें जो दिखें
AI वीडियो अक्सर असंभव दृश्य दिखाते हैं, जैसे बच्चे रैंप पर वॉक करना या जानवर स्टंट करते हुए। अगर वीडियो विश्वास से परे लगे, तो ये फेक हो सकता है। क्या ये तरीका सबसे आसान लगता है?
AI के इस दौर में सतर्क
AI के इस दौर में सतर्क रहना जरूरी है, लेकिन ये 6 तरीके तुम्हें सच्चाई से झूठ अलग करने में मदद करेंगे। ये टिप्स याद रखो, और सोशल मीडिया पर स्मार्ट बनो। क्या तुम अब वीडियो देखते समय ये चेक करोगे?










